जीवन एक बाधा दौड़ है, बाधाओं को आसानी से पार करना, कठिनता से पार करना या पार ही न कर पाना कई कारकों पर निर्भर करता है। कदमों की नियमितता, गति में त्वरण, उपयुक्त उछाल (उपयुक्त समय एवं उपयुक्त स्थान पर) ऐसे ही कुछ कारक हैं। इन सब के लिए भिन्न – भिन्न प्रकार के व्यायाम, भोजन की आवश्यकता होती है। सुख के समय (बाधा दौड़ मे अवरोध रहित हिस्सा) शांत रहना एवं दुःख (कठिन अवरोध) में मुस्कराना ऐसे ही कुछ व्यायाम हैं। गप्पें (उचित मात्रा मैं), मनोरंजन, खेल, अध्ययन आदि दौड़ने हेतु आवश्यक उर्जा देने वाले भोजन हैं। सभी कारकों का अच्छा मिश्रण दौड़ को संतुष्टि प्रदान कर सकता है, जबकि गलत अनुपात में बना मिश्रण कसैला स्वाद ही देता है। तो यदि स्वाद को समझते हों, तो उचित व्यवहार से पूर्ण दौड़ में भाग लें, अन्यथा सब चलता है।
- दिसंबर १३, २००३
नीरज मठपाल
- दिसंबर १३, २००३
नीरज मठपाल
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