गुरुवार, 7 अक्तूबर 2010

दैनन्दिनी

३६५ पृष्ठों के हिसाब - किताब
१२ महीनों के सुख - दुःख
१ बरस की रचनात्मकता
को चबा - चबा के
खा गयी कुछ ' जीबी की मैमोरी '
और कुछ ' रेडीमेड छोटे बड़े डब्बे '

- नीरज मठपाल
अक्टूबर ७, २०१०

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