रविवार, 6 अप्रैल 2008

नव वर्ष मंगलमय !!

आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है अर्थात हिंदू पंचांग के अनुसार नव वर्ष प्राम्भ हो रहा है। विक्रमी संवत २०६६। शक पंचांग के अनुसार भी यही नव वर्ष का दिन है, जब चैत्र का प्रारम्भ होता है। शक संवत १९३०।

यह नव वर्ष भारत के कई अन्य भागों मे अलग अलग नामों से मनाया जाता है। दक्षिण भारत के कुछ प्रांतों मे इसे उगादी के नाम से, तो महाराष्ट्र में गुडी पड्व के नाम से मनाया जाता है।

बचपन में हमारे घर पर आंग्ल पंचांग के अनुसार आने वाला नव वर्ष १ जनवरी को शेष दिनों की तरह ही गुजर जाता था, बस दूरदर्शन पर कुछ कार्यक्रम देख लेते थे। किंतु हिंदू नव वर्ष अपने साथ कई सारी खुशियों को लेकर आता है। घर पर तरह तरह के व्यंजन बनाये जाते हैं, नवरात्रियों की शुरुआत होती है, कई लोग ९ दिनों तक व्रत रखते हैं तथा देवी की उपासना करते हैं, जिसके उद्यापन के लिए कन्यापूजन किया जाता है। नवमी का दिन धार्मिक रूप से विशेष दिन है, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम का जन्म इसी दिन हुआ था। प्रभु राम की ही याद में नवमी का पावन दिन रामनवमी के तौर पर मनाया जाता है। एक अलग ही तरह का हर्ष, उन्माद होता है इस दिन। पंडित, ज्योतिषी ग्रहों के आधार पर गणना करके वर्ष का पंचांग बनाते हैं। कई पंचांगों में देखने को मिलता है कि ईश्वरके घर में कौन राष्ट्रपति बना और कौन मंत्री प्रधान, किस राशि किस नक्षत्र का वर्ष शुभ अधिक है, किसका सामान्य आदि। सच में इस दिन विशेषतः लगता है कि पंचांग हिंदू जीवन शैली का कितना अहम् हिस्सा है।

आज भी इस नव वर्ष का अपनापन ही कुछ अनूठा है। आज मन अति प्रसन्न है। अभी मैं कुछ ज्यादा न लिखते हुए अपनी रसोई की तरफ़ बढता हूँ। आख़िर मुझे भी कम से कम आलू पूरी और कुछ मीठा बनाना चाहिए ना। हाँ, जानकारी के लिए इस संवत्सर का नाम " प्लव " है। गृह राज चन्द्रमा हैं और मंत्री सूर्य। धनेश बुध हैं और मेघेश शनि।

आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। यह वर्ष आप सभी के जीवन के लिए कल्याणकारी हो।
- नीरज मठपाल
अप्रैल ६, २००८

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