सिन्दूरी लाल दिवाकर
रंग केसरिया तिलक
हरित चित्र
टिमटिमाती चंद्ररात
भोर न हो
रक्तिम लाल
न हो
स्याह रात
- नीरज मठपाल
सितम्बर २८, २०१०
वर्तमान की वह पगडंडी जो इस देहरी तक आती थी.....
1 वर्ष पहले
Madness is busy in playing games with mind to violate the laws of conservation.
Base theme - Ayodhya verdict
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतर क्षणिका हैं.आपकी सारी कवितायेँ बहुत ही बेहतरीन हैं.आप सें काफी उमीदें हैं कविता लेखन के क्षेत्र में.आपके उत्तम भविष्य के लिए शुभकामनाएं .
जवाब देंहटाएंअति सुन्दर ..... धार दार होते जा रहे हो....
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